तेजस्वी यादव की अगुआई में RJD का प्रदर्शन कमजोर, लालू का इतिहास दोहराएंगे क्या

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Last Updated:November 14, 2025, 12:21 IST

RJD Performance: तेजस्वी यादव की अगुआई में RJD ने बिहार चुनाव में कमजोर प्रदर्शन किया. उसका प्रदर्शन 2010 के 22 सीटों वाले सबसे खराब रिकॉर्ड से कुछ ही बेहतर दिख रहा है.

तेजस्वी यादव की अगुआई में RJD का प्रदर्शन कमजोर, लालू का इतिहास दोहराएंगे क्याक्या आरजेडी अपने सबसे खराब प्रदर्शन की ओर अग्रसर है. (फाइल फोटो)

RJD Performance: पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन इस बार तेजस्वी यादव की अगुआई वाली आरजेडी का प्रदर्शन फीका पड़ गया है. मतगणना के अनुमानों के हिसाब से दोपहर 12 बजे तक आरजेडी महज 30-35 सीटों पर आगे चल रही है. इस स्थिति में यह अटकलें भी लगायी जाने लगी हैं कि क्या आरजेडी अपने सबसे खराब प्रदर्शन की ओर अग्रसर है. 2010 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल को महज 22 सीटें मिली थीं. 

उस चुनाव में आरजेडी ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, जिसे कुल 25 सीटें मिली थीं. आरजेडी को 22 और एलजेपी को 3 सीटें. उन चुनाव में पार्टी का नेतृत्व लालू प्रसाद यादव ने किया था. उस समय लालू प्रसाद यादव आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के सर्वोपरि नेता थे. यह चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था. तेजस्वी यादव ने उस समय राजनीति में सक्रिय रूप से कदम नहीं रखा था. उनका सक्रिय नेतृत्व बाद में खासकर 2015 के विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ. लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी ने 2005 विधानसभा चुनाव में 54 सीटें जीती थीं. यह वह चुनाव था जब RJD ने 15 साल की सत्ता (1990 से) गंवा दी थी. इसी के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा गठबंधन की सरकार बनी. आरजेडी का पार्टी के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2000 में रहा था, जब लालू प्रसाद यादव ने 124 सीटें जीती थीं. 

तेजस्वी का नेतृत्व और ‘MY+’ रणनीति
तेजस्वी यादव ने 2020 की तरह ही इस चुनाव में भी युवाओं को केंद्रित करते हुए रोजगार (नौकरी) और विकास के एजेंडे पर जोर दिया. आरजेडी अपने पारंपरिक MY वोट बैंक (लगभग 30% मतदाता) को मजबूती से एकजुट रखने में सफल रही, जो पार्टी की सबसे बड़ी ताकत बनी हुई है. आरजेडी की यह रणनीति अन्य समुदायों (EBC, गैर-यादव OBC, अगड़ी जाति) तक अपनी पहुंच को निर्णायक रूप से विस्तारित करने में असफल रही. बीजेपी और जेडीयू ने ‘जंगलराज’ और ‘लालू का राज लौटेगा’ के नैरेटिव का सफलतापूर्वक उपयोग किया, जिससे नए या तटस्थ मतदाता एनडीए की तरफ आकर्षित हुए.

महागठबंधन का पिछड़ना
अधिकांश एग्जिट पोल और शुरुआती रुझानों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को स्पष्ट बहुमत मिलते हुए दिखाया गया है, जबकि महागठबंधन (MGB) बहुमत के आंकड़े से पीछे रहा. आरजेडी के अलावा भी गठबंधन के अन्य घटकों (जैसे कांग्रेस और वाम दल) का प्रदर्शन कमजोर रहा. महागठबंधन में सीटों का सबसे बड़ा हिस्सा कांग्रेस को मिला, लेकिन उसका प्रदर्शन लगातार कमजोर रहा. कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार RJD के कोर वोट बैंक को भी अपने पक्ष में स्थानांतरित कराने में विफल रहे. वाम दलों ने कुछ पॉकेटों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उनकी सीटें इतनी नहीं बढ़ीं कि वे महागठबंधन को मुकाबले में ला सकें.

जन सुराज का सीमित प्रभाव
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को कुछ एग्जिट पोल में 9.7% से 13.3% तक महत्वपूर्ण वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया, खासकर शहरी और युवा मतदाताओं में. यदि जन सुराज ने वास्तव में इतना वोट शेयर हासिल किया है, तो यह वोट मुख्य रूप से सत्ता विरोधी लहर से आया होगा, जिसका एक हिस्सा आरजेडी के खाते में जा सकता था. हालांकि, शुरुआती रुझानों में जन सुराज का प्रदर्शन काफी सीमित रहा है.

तेजस्वी की सीट पर कांटे की टक्कर
RJD के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव की अपनी सीट राघोपुर में मतगणना के शुरुआती दौर में उन्हें भाजपा या जन सुराज के उम्मीदवार से कांटे की टक्कर मिल रही थी या वह कुछ समय के लिए पिछड़ गए थे. एक मुख्यमंत्री उम्मीदवार का अपनी ही सीट पर इतनी कड़ी चुनौती का सामना करना पार्टी के समग्र प्रदर्शन और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है. आरजेडी आवश्यक अन्य जातीय समूहों का समर्थन और अपने गठबंधन सहयोगियों से पर्याप्त सीटें जुटाने में असफल रही.

जब लोकसभा में नहीं खुला खाता
आरजेडी ने अपने 28 साल के इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन लोकसभा चुनाव 2019 में किया था. जब पार्टी 40 में से एक भी सीट नहीं जीत सकी पहली बार शून्य पर आउट हो गई. यह पार्टी के इतिहास में सीटों के मामले में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन था. उस समय लालू प्रसाद यादव जेल में थे और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में RJD-कांग्रेस-RLSP-HAM-VIP का महागठबंधन चुनाव लड़ रहा था. इससे पहले 2014 लोकसभा चुनाव में आरजेडी को चार सीटों पर सफलता मिली थी. 

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 14, 2025, 12:20 IST

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