Verdict against ex-PM Sheikh Hasina: तख्तापलट के बाद ढाका छोड़कर भारत में निर्वासन का दंश झेल रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. हसीना के खिलाफ सभी आपराधिक मुकदमों में सजा सुनाए जाने की तारीख इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने तय कर दी है. आईसीटी (ICT) शेख हसीना के मामले में 17 नवंबर को सजा सुनाएगी. बांग्लादेश की पूर्व पीएम के खिलाफ मानवता को कलंकित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे. शेख हसीना की सरकार जुलाई 2024 में गैर-लोकतांत्रिक तरीके से गिराने के साथ उनके ऊपर दर्जनों मुकदमों लाद दिए गए थे.
15 महीने-1500 मौतें!
जुलाई 2024 में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन शुरू हुआ, जिसने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया. इसी कथित छात्र आंदोलन की आड़ में शेख हसीना की सरकार को गिराया गया. इसके बाद अगस्त 2024 में पूर्व पीएम शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं. आगे ढाका में नोबेल प्राइज विनर मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का गठन हुआ. यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में हुई हिंसा में करीब 1500 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
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संगीन 'गुनाह'!
शेख हसीना की तत्कालीन सरकार पर हत्या, अपराध रोकने में नाकामी और मानवता के खिलाफ अपराध के अलावा छात्रों को गिरफ्तार कर टॉर्चर करने, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग, फायरिंग, और लीथल फोर्स का इस्तेमाल करने का आदेश देने समेत तमाम आरोप लगे हैं. बांग्लादेशी प्रॉसिक्यूशन ने हसीना के दोषी पाए जाने पर उनके लिए सजा ए मौत की मांग की है. हसीना के खिलाफ लगे इन आरोपों के मामले में सजा की तारीख सुनाने से पहले अवामी लीग ने ढाका लॉकडाउन का ऐलान किया है. हसीना मामले में कोर्ट में सुनवाई के बीच किसी अनहोनी या हिंसा की आशंका के मद्देनजर व्यापत सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. (IANS)

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