जहां युद्ध ने नोटों तक को बना दिया अपंग... एक नौजवान जो फटे नोटों से जोड़ रहा भविष्य

1 hour ago

कभी बच्चों की हंसी, बाजारों की रौनक और रोजमर्रा की चहल-पहल के लिए जाना जाने वाला गाजा शहर आज खामोशी और बेबसी का प्रतीक बन चुका है. दो साल से जारी तबाही ने यहां की जिंदगी को इस कदर जकड़ लिया है कि अब लोगों के पास खाने के लिए रोटी ही नहीं, बल्कि लेन-देन के लिए एक सही हालत का नोट तक नहीं बचा.

गाजा में करंसी नोटों का क्राइसिस

बमबारी में बैंक टूट गए, एटीएम बंद हो गए और नकदी का आना पूरी तरह रुक गया. ऐसे में लोग मोबाइल ट्रांसफर और ई-वॉलेट की मदद से जिंदगी चला रहे हैं लेकिन बाजार में सामान खरीदने के लिए फिर भी नकद चाहिए और वही अब सबसे बड़ी मुसीबत बन चुकी है. इन्हीं हालात के बीच, गाजा के एक भीड़भाड़ वाले बाजार के किनारे एक छोटी-सी मेज पर बैठा एक नौजवान, पीले पड़ चुके 100 शेकल के एक पुराने नोट को बड़े सलीके से सीधा कर रहा है. पेंसिल, रंगीन पेंसिल और गोंद की मदद से वह नोट में फिर से जान फूंकने की कोशिश कर रहा है.

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कमाई नहीं लोगों की सेवा...

पढ़ने-लिखने की उम्र में हालात ने उसे मजबूर कर दिया कि वह सड़क किनारे बैठकर फटे-पुराने नोटों की मरम्मत कर अपनी रोजी कमा रहा है. वह मामूली पैसे लेकर लोगों की वह दौलत बचाता है जो अब उनके लिए जिंदगा से कम नहीं. BBC के मुताबिक ब्राआ कहते हैं,'मेरे औज़ार बहुत सादे हैं- स्केल, पेंसिल, रंग और गोंद लेकिन मैं जो करता हूं, वह सिर्फ कमाई नहीं है बल्कि यह लोगों की सेवा है.' उसकी मेज के सामने आज भी लोग कतार में खड़े हैं. पास लगे बोर्ड पर लिखा है,'बिना टेप के प्रोफेशनल मरम्मत'.

गाजा में नकदी की भारी किल्लत

BBC ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2023 में हमास-इजरायल जंग शुरू होने के बाद इजरायली सेना ने गाजा में नकदी की सप्लाई रोक दी. ज्यादातर बैंक या तो बमबारी में तबाह हो गए या लूट लिए गए.‍फिलिस्तीन मॉनेटरी अथॉरिटी के मुताबिक करीब 18 करोड़ डॉलर नकद लूट लिए गए. लोग डिजिटल पैसे को नकदी में बदलवाने के लिए गैर-कानूनी मनी डीलरों के पास जा रहे हैं, जहां कभी-कभी 50% तक कमीशन कट जाता है. एक बुज़ुर्ग अबू खलील कहते हैं, 'मेरी 2000 शेकल की तनख़्वाह में से आधी तो कमीशन में ही चली जाती है.'

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भूख, महंगाई और टूटती उम्मीदें

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि गाजा की 20 लाख से ज्यादा आबादी पूरी तरह गरीबी में डूब चुकी है. UNCTAD के मुताबिक हर 5 में से 4 लोग बेरोजगार हैं. सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. 2 किलो टमाटर 80 डॉलर, 5 किलो प्याज 70 डॉलर में बिक रहा है.

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