Artemis II mission: धरती-चांद का इंसानों से करीबी रिश्ता है. धरती मां तो चंदा मामा. साहित्य से सिनेमा, गीत से संगीत, तीज से त्योहार और भक्त से भगवान तक चांद दिख जाता है. पृथ्वी से लाखों किलोमीटर दूर होने के बावजूद चांद, हमेशा इंसानों के दिलों के करीब रहता है. विज्ञान के इस युग में एस्ट्रोनॉट्स चांद तक आसानी से जाने लगे हैं, इसके आगे के मुकाम की बात करें तो आम आदमी का चांद पर पहुंचना अब भी दूर की कौड़ी है. खुद जाने से इतर अगर आप अपना नाम अंतरिक्ष और चांद तक पहुंचाना चाहते हैं तो उसका इंतजाम अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कर दिया है.
नासा का शानदार प्रोजेक्ट
NASA दुनियाभर के लोगों को आर्टेमिस II मिशन के जरिए चांद पर अपना नाम भेजने के लिए आमंत्रित कर रहा है. इस प्रोजेक्ट को अप्रैल 2026 से पहले लॉन्च किया जाना है. यह ऐतिहासिक मिशन आर्टेमिस कार्यक्रम की पहली मानवयुक्त उड़ान होगी, जिसका मकसद मनुष्यों को पहले चंद्रमा पर वापस लाना और फाइनली लाल मिट्टी वाले मंगल ग्रह पर भेजना है.
अंतरिक्ष में अपना नाम भेजने के तीन सिंपल स्टेप
1. NASA के पंजीकरण पृष्ठ पर जाएं: आर्टेमिस II मिशन के लिए नासा के 'अपना नाम भेजें' पोर्टल पर जाएं. पेज पर जाने के लिए यहां क्लिक करें.
2. अपना नाम दर्ज करें: अपना पहला नाम, अंतिम नाम और 4 से 7 अंकों का पिन कोड दर्ज करें.
3. अपना डिजिटल बोर्डिंग पास डाउनलोड करें. अपना व्यक्तिगत डिजिटल बोर्डिंग पास प्राप्त करके उसे सेव करें.
नासा का कहना है कि आप अपने पिन का ध्यान रखें, क्योंकि नासा खोए हुए पिन को फिर से जेनरेट नहीं नहीं कर सकता है. ऐसे में अगर आप भविष्य में अपना बोर्डिंग पास देखना चाहते हैं, तो आपको उसका ध्यान रखना होगा.'
क्या है आर्टेमिस II मिशन?
आर्टेमिस II के क्रू में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. क्रू में तीन मेंबर नासा के हैं और एक कनाडा की स्पेस एजेंसी से संबंद्ध है. टीम नासा से अंतरिक्ष यात्री रीड वाइसमैन, विक्टर ग्लोवर, क्रिस्टीना कोच और कनाडा की स्पेस एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री जेरेमी हैनसेन ये चारो आर्टेमिस II पर चंद्रमा के चारों ओर उड़ान भरेंगे और वापस आएंगे. जो नासा के आर्टेमिस प्रोजेक्ट के तहत पहली चालक दल वाली उड़ान होगी.
नासा ने बताया 'चालक दल चांद से 4600 मील की अधिकतम दूरी पर उड़ान भरकर पूरे रूट में अंतरिक्ष यान प्रणालियों का मूल्यांकन करेगा. यही टीम स्पेस में रेडिएशन, स्पेस में ह्यूमन हेल्थ एंड एटीट्यूड यानी मानव स्वास्थ्य और व्यवहार को समझने के साथ स्पेस कम्युनिकेशन के नेक्स्ट लेवल का पता लगाएगी.

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