Last Updated:November 12, 2025, 08:20 IST
Explainer what is form 17c: फॉर्म 17-C मतदान केंद्र पर वोटिंग का पूरा ब्योरा देता है. यह वोटिंग में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करता है. राजद ने अपने कार्यकर्ताओं से पीठासीन अधिकारी से इसकी हार्डकॉपी भी लेने को कहा है.
राजद ने वोटिंग के बाद अपने एजेंटों से फॉर्म 17सी की हार्डकॉपी इकट्ठा करने को कहा है.Explainer what is form 17c: बिहार में विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है. अब सबकी नजर 14 तारीख को आने वाले नतीजों पर है. इस बीच एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं. एग्जिट पोल में करीब-करीब सभी सर्वे एजेंसियां एनडीए को एक बार बिहार की सत्ता में वापसी करते दिखा रही हैं. इस बीच राजद ने अपने कार्यकर्ताओं को फॉर्म 17-C लाने का आदेश जारी किया है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि ये फॉर्म 17-C क्या होता है.
राजद की ओर दिया गया निर्देश
राजद ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है- बहुत महत्वपूर्ण सूचना. सत्ता पक्ष और प्रशासन द्वारा करवाई जा रही धांधली से बचने के लिए वोटिंग समाप्त होने के पहले सभी पोलिंग एजेंट ध्यान रखें कि मतदान के अंतिम समय लाइन में लगे कुल व्यक्ति जिसे पीठासीन द्वारा पर्ची दिया गया हो, उसका डिटेल लिखकर रख लेना है. वोटिंग के बाद पीठासीन से फॉर्म 17-C जरूर लेना है. फार्म 17-C के डिटेल्स को भी चेक कर लेना है. वोटिंग समाप्त होने के बाद EVM अपने सामने ही सील करवाना है. ईवीएम को वज्र गृह में रखे जाने तक उसके साथ ही जाना है. फॉर्म 17-C का फोटो पार्टी कार्यालय तथा स्थानीय प्राधिकृत प्रतिनिधि को भेजकर हार्ड कॉपी स्थानीय प्रतिनिधि को देना है.
क्या होता है फॉर्म 17-C?
फॉर्म 17-C भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान प्रक्रिया में उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्र है, जो प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदान के आंकड़ों को रिकॉर्ड करने के लिए भरा जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और मतगणना के दौरान सटीकता बनाए रखना है. फॉर्म 17-C मतदान केंद्र पर हुए मतदान का विस्तृत ब्योरा देता है, जिसमें मतदाताओं की संख्या, डाले गए वोटों की संख्या और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है.
फॉर्म 17-C में क्या जानकारी होती है
मतदान केंद्र का विवरण (नाम, नंबर, निर्वाचन क्षेत्र). कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या. मतदान शुरू होने और समाप्त होने का समय. मतदान के दौरान डाले गए कुल वोटों की संख्या. EVM में दर्ज वोटों का विवरण. मतदान के दौरान उपयोग किए गए मत पत्रों (यदि कोई) का रिकॉर्ड. मतदान प्रक्रिया से संबंधित कोई विशेष टिप्पणी या अनियमितता.इस फॉर्म को पीठासीन अधिकारी भरता है
मतदान समाप्त होने के बाद पीठासीन अधिकारी फॉर्म 17-C को भरता है. इसे मतदान केंद्र पर मौजूद पोलिंग एजेंटों के साथ साझा किया जाता है. फॉर्म की एक प्रति मतदान केंद्र पर प्रदर्शित की जाती है और अन्य प्रतियां रिटर्निंग ऑफिसर को भेजी जाती हैं.
ईवीएम के आंकड़ों की पुष्टि
यह मतगणना के दौरान EVM के आंकड़ों की पुष्टि के लिए आधार दस्तावेज होता है. पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है, क्योंकि यह सभी पक्षों के लिए उपलब्ध होता है. किसी विवाद या अनियमितता की स्थिति में इसकी जांच की जा सकती है.
कानूनी स्थिति
फॉर्म 17-C को कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 के तहत तैयार किया जाता है. बीते साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि फॉर्म 17-C के डेटा को स्कैन करके सार्वजनिक रूप से वेबसाइट पर अपलोड किया जाए, ताकि पारदर्शिता बढ़े.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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First Published :
November 12, 2025, 08:15 IST

4 hours ago
