Avadh Ojha News: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर पाटपड़गंज से चुनाव लड़ चुके और हार का सामना करने वाले चर्चित UPSC शिक्षक अवध ओझा ने अचानक राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया. अपने विदाई संदेश में उन्होंने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत AAP नेतृत्व के प्रति गहरा आभार जताया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा ‘केजरीवाल जी, आप बहुत महान नेता हैं.’ लेकिन उनका यह भावनात्मक संदेश जितना शांत था, AAP नेता सोमनाथ भारती का जवाब उतना ही तल्ख साबित हुआ.
ओझा ने X पोस्ट में कहा कि राजनीति छोड़ने का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है और वे अब फिर से अपने मूल काम टीचिंग की ओर लौटेंगे. हालांकि उनकी घोषणा के कुछ ही घंटों बाद AAP के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सोमनाथ भारती ने उन्हें सीधे शब्दों में समझाते हुए कहा कि राजनीति शॉर्ट-टर्म प्रोजेक्ट नहीं है. इतनी जल्दी हार मानना ठीक नहीं है. यही विरोधाभास इस पूरी कहानी को और दिलचस्प बनाता है.
कौन हैं अवध ओझा और क्यों बनाए गए थे AAP उम्मीदवार?
अवध ओझा UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लोकप्रिय शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर माने जाते हैं. सोशल मीडिया पर उनकी भारी फॉलोइंग है और युवाओं के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हैं. AAP ने 2025 विधानसभा चुनाव में पाटपड़गंज से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जगह उन्हें टिकट देकर बड़ा दांव खेला था.
आदरणीय
अरविंद जी ,मनीष ji, संजय जी,सभी आप के पदाधिकारी,कार्यकर्ता, नेता etc आप सभी का दिल बहुत बहुत धन्यवाद ।जो प्रेम और सम्मान अपने दिया उसका ऋणी रहूँगा ।राजनीति से संन्यास मेरा व्यक्तिगत निर्णय है ।अरविंद जी आप एक बहुत महान नेता है । जय हिन्द #AAP #ArvindKejriwal
सिसोदिया 2013, 2015 और 2020 में इसी सीट से जीतते रहे थे. लेकिन 2025 में पार्टी ने ओझा पर भरोसा जताया. हालांकि ओझा को BJP उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी से 28,000 से अधिक वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
AAP नेता सोमनाथ भारती ने अवध ओझा को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीति शॉर्ट-टर्म प्रोजेक्ट नहीं है.
ओझा की विदाई: भावुक मैसेज और राजनीति से दूरी
ओझा ने X पर पोस्ट करते हुए AAP नेतृत्व को धन्यवाद दिया. उन्होंने लिखा कि पार्टी ने उन्हें बहुत सम्मान दिया और पाटपड़गंज की जनता ने भी उन्हें ढेर सारा स्नेह दिया. साथ ही कहा कि वे किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होंगे और अब टीचिंग के अपने पुराने पेशे में लौट जाएंगे. यह कदम उनके एक हालिया इंटरव्यू के तुरंत बाद आया. इसमें उन्होंने राजनीति से दूर होने की इच्छा जताई थी.
सोमनाथ भारती का ट्वीट: नॉट डन ओझा जी!
सोमनाथ भारती ने ओझा के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा ‘आपके प्रति व्यक्तिगत सम्मान है, लेकिन राजनीति शॉर्ट-टर्म प्रोजेक्ट नहीं है.’ उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने ओझा को बड़ी जिम्मेदारी देकर उन पर भरोसा जताया था. जबकि कई ऐसे कार्यकर्ता थे जो लंबे समय से मेहनत कर रहे थे और टिकट के दावेदार भी थे.
I have personal regard for you @OjhaAvadh57 Ji but politics is not a short term project and a person of your maturity and prominence should have weighed options before stepping into Politics and that too with @AamAadmiParty.
भारती ने यह भी लिखा कि AAP देश का भविष्य है, क्योंकि वह शिक्षा, स्वास्थ्य और आम जनता के मूल मुद्दों पर काम करती है. उन्होंने BJP और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘उनके भाषण सुन लीजिए… कोई जनता के मुद्दों पर बात नहीं करता.’ अंत में उन्होंने ओझा को नसीहत देते हुए कहा- “नॉट डन ओझा जी!”
AAP की स्थिति- 10 साल बाद खोई सत्ता और बदला समीकरण
अवध ओझा ने जिस चुनाव में हार का सामना किया, उसी चुनाव में AAP ने दिल्ली की सत्ता BJP के हाथों खो दी. यह परिणाम पार्टी के लिए बड़ा झटका था और उसके बाद से AAP लगातार पुनर्गठन की प्रक्रिया में है. ऐसे में ओझा जैसे बाहरी चेहरों के राजनीति से जल्दी हटने पर यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या पार्टी में नए चेहरों को पर्याप्त समय और मार्गदर्शन मिल पा रहा है.
कहानी के महत्वपूर्ण पहलू
अवध ओझा UPSC शिक्षक और सोशल मीडिया सेलिब्रिटी. AAP ने मनीष सिसोदिया के बदले उन्हें टिकट दिया. 28,000 वोटों के अंतर से BJP से हार.ओझा ने स्वीकार किया कि राजनीति उनका मूल क्षेत्र नहीं था और वे वहां सीखने की प्रक्रिया में थे. उनकी लोकप्रियता, युवाओं के साथ जुड़ाव और मोटिवेशनल स्किल्स अब फिर से सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों तक पहुंचेंगे. राजनीति से दूर जाने के उनके फैसले ने छात्रों में उत्सुकता भी बढ़ा दी है कि क्या ओझा अब पहले की तरह ही नियमित रूप से पढ़ाना शुरू करेंगे.

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