8वें वेतन आयोग पर कल होगा बड़ा मंथन, सैलरी और भत्‍तों पर मिलेगी सही जानकारी

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Last Updated:November 14, 2025, 14:09 IST

8th Pay Commission Update : सरकार ने 3 नवंबर को 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर दिया है. इसके बाद 15 नवंबर को कर्मचारी संगठनों ने पहली बार बातचीत के लिए बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इसमें आयोग की शर्तों की खामियों और कर्मचारियों की मांगों पर स्‍पष्‍ट नीति बनाने पर मंथन किया जाएगा.

8वें वेतन आयोग पर कल होगा बड़ा मंथन, सैलरी और भत्‍तों पर मिलेगी सही जानकारीकर्मचारी संगठनों ने 8वें वेतन आयोग पर 15 नवंबर को बैठक बुलाई है.

नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार ने जबसे 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन का ऐलान किया है, हर कर्मचारी के मन में बस इसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर उनकी सैलरी में कितना इजाफा होगा और सरकार किस फॉर्मूले के तहत उनकी सैलरी बढ़ाएगी. क्‍या कर्मचारियों को मिलने वाले भत्‍ते खत्‍म हो जाएंगे या फिर सैलरी बढ़ाने के साथ भत्‍तों में भी बढ़ोतरी होगी. फिलहाल आयोग के गठन के बाद कर्मचारियों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कल यानी 15 नवंबर को केंद्रीय कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ने इस मुद्दे पर मंथन के लिए बैठक बुलाई है.

सरकार ने 3 नवंबर को 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया था. अब लाखों केंद्रीय कर्मचारियों की अगुवाई करने वाले संगठन एनसी-जेसीएम स्‍टाफ साइड ने अपने स्‍थायी समिति के सदस्‍यों को 15 नवंबर को बैठक के लिए बुलाया है. स्‍टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने अभी तक अपने एजेंडे का खुलासा नहीं किया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में कर्मचारियों की डिमांड और रणनीति को आकार देने पर फैसला किया जा सकता है, ताकि सरकार के साथ जब औपचारिक बातचीत शुरू हो तो उनके पास एक स्‍पष्‍ट रणनीति हो.

क्‍या है स्‍टाफ साइड मंच
असरल में स्‍टाफ साइड वह मंच है, जो कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, भत्‍ते, सेवा शर्तें और वेतन आयोग के जांच रिपोर्ट के दौरान सरकार से हर पहलू पर बातचीत करता है. इस मंच का मानना है कि 8वें वेतन आयोग पर सरकार के साथ आधिकारिक बातचीत शुरू करने से पहले एक सही रणनीति का बनना जरूरी है, ताकि स्‍पष्‍ट बातचीत और उसका मुद्दा सामने रखा जा सके. अनुमान है कि इसी मुद्दे पर एकमत होने के लिए यह बैठक बुलाई गई है.

कैसे काम करता है यह संगठन
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन नेशनल काउंसिल ऑफ ज्‍वाइंट कंसल्‍टेटिव मशीनरी (NC-JCM) एक तीन स्‍तरीय प्रणाल है, जो सरकार के कर्मचारियों (स्‍टाफ साइड) और केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों (ऑफिशियल साइड) के बीच बातचीत की अगुवाई करती है. यह काउंसिल तीन स्‍तरों पर काम करती है. पहला है नेशनल काउंसिल जो शीर्ष बॉडी है और वेतन आयोग जैसे प्रमुख नीति और उससे जुड़ी चीजों पर बातचीत करती है. दूसरा है विभागीय काउंसिल जो मंत्रालयों और विभागों के बीच बातचीत का जरिया बनता है. तीसरा है क्षेत्रीय काउंसिल जो स्‍थानीय स्‍तर की चिंताओं पर विचार-विमर्श करता है और उसे सरकार तक पहुंचाता है.

स्टाफ साइड में कौन-कौन शामिल
कर्मचारियों की बातचीत को सरकार तक पहुंचाने वाले इस मंच में कई लोग शामिल होते हैं. सबसे पहले तो यह सभी प्रमुख कर्मचारी संघों और यूनियन के प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करता है. इसका काम कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना और वेतन, पेंशन, भत्‍ते सहित सर्विस की शर्तों जैसे मुद्दों पर सरकार के साथ बातचीत करना है. यह संगठन उन मुद्दों पर बातचीत कर सकता है, जो पहले टर्म्‍स ऑफ रेफरेंस में शामिल करने के लिए प्रस्‍तावित थे. इस साल फरवरी में ही स्‍टाफ साइड ने वेतन सुधार, पेंशन सुधार, डीए मर्जर, अंतरिम राहत सहित स्‍वास्‍थ्‍य जैसे मुद्दों पर बातचीत की थी. हालांकि, इन बातों को टर्म ऑफर रेफरेंस में शामिल नहीं किया गया था. फिलहाल 15 नवंबर को होने वाली बैठक में इन मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा.

रक्षा कर्मियों ने पहले ही जताई थी चिंता
ऑल इंडिया डिफेंस एम्‍पलॉइज फेडरेशन ने पिछले दिनों सरकार को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना की शर्तों पर चिंता जताई थी और इसमें शामिल विसंगतियों को उजागर किया था. फेडरेशन ने वित्‍तमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि इसकी शर्तों में प्रभावी तिथि का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख नहीं किया गया है. साथ ही यह भी कहा था कि इसकी शर्तों में 69 लाख से ज्‍यादा पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक खबर है, उन्‍हें संशोधन का लाभ नहीं देने की बात कही जा रही है. रक्षा कर्मियों ने इसे अनुचित और दुर्भाग्‍यपूर्ण बताते हुए विरोध किया था. फेडरेशन ने कहा कि पिछले वेतन आयोग में इसके लागू करने की तिथि 1 जनवरी, 2016 स्‍पष्‍ट थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं लिखा गया है. साथ ही सरकार उस नियम में भी बदलाव कर सकती है, जिसके तहत अभी हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करना जरूरी होता है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 14, 2025, 14:09 IST

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