Last Updated:December 07, 2025, 14:12 IST
Leh Ladakh 125 Project: भारत के एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन स्थित है. पाकिस्तान की आतंकपरस्त नीतियों से पूरी दुनिया वाकिफ है. वहीं, चीन की विस्तारवादी नीतियों के बारे में पूरी दुनिया जानती है, ऐसे में भारत के लिए जरूरी है कि पश्चिम से लेकर उत्तर और पूरब तक की सीमाओं को दुरुस्त किया जाए. रविवार 7 दिसंबर 2025 का दिन इस लिहाज से ऐतिहासिक और काफी अहम है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक साथ 125 प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया.
Leh Ladakh 125 Project: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह लद्दाख में 125 प्रोजेक्ट का रविवार 7 दिसंबर 2025 को उद्घाटन किया. (फोटो: ANI) Leh Ladakh 125 Project: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार 7 दिसंबर 2025 को लद्दाख में सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा तैयार की गई 125 आधारभूत ढांचा परियोजनाओं (Infrastructure Projects) का उद्घाटन किया. उन्होंने इसे BRO के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड और केंद्र सरकार की सीमावर्ती क्षेत्रों में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया. लेह में आयोजित कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सभी प्रोजेक्ट देश के उन सैनिकों और BRO कर्मियों को समर्पित हैं जो कठिन मौसम और हालात में भी निरंतर कार्य करते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं आज 125 BRO परियोजनाएं और एक वॉर मेमोरियल देश को समर्पित करते हुए बेहद गौरवान्वित हूं. हमारे सैनिकों की बहादुरी हम सभी के लिए प्रेरणा है. BRO के कर्मचारी किसी भी मौसम और स्थिति में काम जारी रखते हैं, इसी जज्बे की बदौलत आज देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है.’
बता दें कि लेह-लद्दाख का इलाका चीन की सीमा से लगता है, ऐसे में BRO के दर्जनों प्रोजेक्ट का महत्व काफी बढ़ जाता है. रक्षा मंत्री ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में परियोजनाओं का एक साथ लोकार्पण पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा, ‘यह अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह ‘विकसित भारत’ के संकल्प का प्रमाण है और केंद्र सरकार की सीमाओं पर मजबूत कनेक्टिविटी देने की प्रतिबद्धता का भी उदाहरण है.’ उन्होंने याद दिलाया कि मई 2025 में सरकार ने एक साथ 50 BRO परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की थीं.
920 मीटर लंबी सुरंग की चर्चा क्यों?
125 परियोजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण 920 मीटर लंबी श्योक टनल है, जो दर्बुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (DS-DBO) रोड का हिस्सा है. यह क्षेत्र दुनिया के सबसे कठिन और संवेदनशील इलाकों में माना जाता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘श्योक टनल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है. यह टनल पूरे साल सुरक्षित और विश्वसनीय संपर्क सुनिश्चित करेगी. भारी बर्फबारी, हिमस्खलन और बेहद कम तापमान वाले इस इलाके में यह टनल सेना की मोबिलिटी और तेज़ तैनाती क्षमता को कई गुना बढ़ाएगी.’
5000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
इन सभी परियोजनाओं का कुल खर्च करीब 5,000 करोड़ रुपये बताया गया है. BRO के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ी लागत वाली परियोजनाओं का समूह है. परियोजनाएं सिर्फ लद्दाख में ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भी फैली हुई हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में BRO ने काम की गति और गुणवत्ता दोनों में बड़ी छलांग लगाई है. उन्होंने कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्रों में BRO ने जिस दक्षता से सड़क, पुल और अन्य ढांचा खड़ा किया है, उसने राष्ट्रीय विकास को नई दिशा दी है. जटिल परियोजनाओं को स्वदेशी समाधान से पूरा कर BRO आज ‘कम्युनिकेशन’ और ‘कनेक्टिविटी’ का पर्याय बन गया है.’ 125 परियोजनाओं का एक साथ उद्घाटन न सिर्फ रिकॉर्ड है, बल्कि भारत की उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा. श्योक टनल सहित ये परियोजनाएं सेना की रणनीतिक क्षमता और हिमालयी क्षेत्रों के विकास दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
First Published :
December 07, 2025, 14:12 IST

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