Last Updated:December 02, 2025, 07:39 IST
BrahMos Deal With Indonesia: भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को लेकर बातचीत चल रही है. इसके लिए भारत इंडोनेशिया के साथ करीब 4000 करोड़ रुपये की डील करने वाला है. इंडोनेशिया इस मिसाइल सिस्टम के लिए व्याकुल है. अगर यह डील होती है तो भारत हथियार निर्यात से लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी. इससे पहले भारत ने फिलिपींस के साथ ब्रह्मोस निर्यात का सौदा किया है. फिलिपींस के साथ हुई डील करीब 3100 करोड़ रुपये की है.
भारत ब्रह्मोस के लिए इंडोनेशिया के साथ करीब 4000 करोड़ की डील करने वाला है.BrahMos Deal With Indonesia: बीते करीब एक दशक में भारत की हथियार इंडस्ट्री पूरी तरह बदल चुकी है. इस दौरान भारत हथियारों के स्वदेशीकरण पर खास जोर दे रहा है. इसके लिए मेक इन इंडिया अभियान चलाया गया और उस अभियान के नतीजे दिखने लगे हैं. आज भारत कई हथियारों का उत्पादन ग्लोबल बाजार के लिए करने लगा है. हमारी मिसाइलें और मिसाइल तकनीक की ग्लोबल बाजार में तूती बोल रही है. इस मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इन देसी हथियारों ने भारत की ताकत का नमूना दुनिया को दिखा दिया था. ऐसे में अब इन हथियारों की ग्लोबल डिमांड भी काफी बढ़ गई है. इसी में से एक हथियार है ब्रह्मोस मिसाइल. इसे रूस और भारत ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने इसी मिसाइल से पाकिस्तान पर वार किया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया के दसियों देश भारत से ये मिसाइल खरीदना चाहते हैं.
इस कड़ी में फिलिपींस के बाद अब इंडोनेशिया का नाम जुड़ गया है. इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक मुल्क है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया ने सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की सतह से सतह और समुद्री लॉन्च संस्करण दोनों में गहरी रुचि दिखाई है. सूत्रों के अनुसार यह रुचि इंडोनेशिया की व्यापक सैन्य आधुनिकीकरण योजना का हिस्सा है.
इंडोनेशिया क्यों चाहता है ये मिसाइल?
पिछले महीने इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री स्जाफ्री सजाम्सोएद्दीन की नई दिल्ली यात्रा के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था. उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ब्रह्मोस एयरोस्पेस का दौरा कर मिसाइल की विस्तृत ब्रीफिंग ली. सूत्रों ने बताया कि इस समय तटीय बैटरी संस्करण के लिए बातचीत एडवांस स्टेड में है. उसने अपनी नौसेना के लिए समुद्री लॉन्च ब्रह्मोस में भी गहरी रुचि दिखाई है. इससे पहले जनवरी में इंडोनेशियाई नौसेना प्रमुख एडमिरल मुहम्मद अली भी भारत दौरे पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस गए थे. यदि सौदा पूरा होता है तो फिलीपींस के बाद इंडोनेशिया ब्रह्मोस का दूसरा विदेशी ग्राहक बनेगा.
फिलीपींस ने पहले ही तीन बैटरियों के लिए 375 मिलियन डॉलर यानी करीब 3100 करोड़ रुपये का समझौता किया है. इंडोनेशिया के साथ प्रस्तावित सौदे की अनुमानित कीमत कम से कम 450 मिलियन डॉलर यानी करीब 4000 करोड़ बताई जा रही है. सूत्रों का कहना है कि अभी तक क्रेडिट लाइन देने पर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन यदि इंडोनेशिया अनुरोध करता है तो भारत इस पर सकारात्मक विचार करेगा.
क्या है ब्रह्मोस
ब्रह्मोस का नाम भारत के ब्रह्मपुत्र और रूस के मोस्कवा नदियों के नाम पर पड़ा है. इसकी निर्यात संस्करण की रेंज 290 किलोमीटर है. पिछले सात वर्षों से अधिक समय से इंडोनेशिया इसके लिए बातचीत कर रहा है. भारतीय विशेषज्ञ पहले ही इंडोनेशियाई युद्धपोतों पर मिसाइल फिटिंग का आकलन करने जकार्ता जा चुके हैं. यह कदम भारत-इंडोनेशिया के बीच बढ़ते समुद्री सुरक्षा सहयोग का हिस्सा हैॉ. दोनों देश समुद्र में शांति, समुद्री डकैती और अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए संयुक्त अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ करते रहे हैं और परिचालन सहयोग को और मजबूत कर रहे हैं.
First Published :
December 02, 2025, 07:37 IST

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