2100 KMPH की तूफानी रफ्तार, F-35 का बाप है यह 5th जेनरेशन फाइटर जेट

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Last Updated:December 07, 2025, 07:44 IST

5th Generation Fighter Jet: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध फिलहाल चल रहा है. इजरायल-ईरान के बीच भी जबरदस्‍त झड़प हुई. दोनों पक्षों की तरफ से एरियल अटैक करने के दावे किए गए. इस बीच, भारत ने ऑपरेशन लॉन्‍च कर पाकिस्‍तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों और सैन्‍य एयरबेस को तबाह कर दिया. इन तीनों संघर्षों में एक बात कॉमन है - एरियल अटैक. बदलते सामरिक माहौल को देखते हुए भारत न केवल अपने एयरस्‍पेस को सुरक्षित बनाने में जुटा है, बल्कि एरियल अटैक कैपेबिलिटी को बढ़ाने में भी जुटा है.

2100 KMPH की तूफानी रफ्तार, F-35 का बाप है यह 5th जेनरेशन फाइटर जेट5th Generation Fighter Jet: भारत की पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट की तलाश अब जल्‍द ही पूरी होने की संभावना है. रूसी Su-57 इस कमी को पूरा कर सकता है. (फाइल फोटो: AP)

5th Generation Fighter Jet: ऑपरेशन सिंदूर इंडियन डिफेंस सिस्‍टम के लिए एक डिफाइनिंग मोमेंट साबित हुआ है. पाकिस्‍तान के साथ इस टकराव के बाद भारत अपने रक्षा तंत्र को मॉडर्न बनाने में जुटा है. डिफेंस सेक्‍टर में हजारों-लाखों करोड़ रुपये का इन्‍वेस्‍टमेंट किया जा रहा है. एयर डिफेंस सिस्‍टम से लेकर फाइटर जेट, मिसाइल और ड्रोन डेवलप करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल के दिनों में कई अल्‍ट्रा मॉडर्न हाइपरसोनिक मिसाइल्‍स का परीक्षण किया है. भारत लगातार हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्‍नोलॉजी में महारत हासिल करने में जुटा है. इसके अलावा देसी तकनीक से एयर डिफेंस सिस्‍टम भी डेवलप किया जा रहा है, जिसमें प्रोजेक्‍ट कुश काफी अहम है. रूस से S-400 सिस्‍टम का अतिरिक्‍त स्‍क्‍वाड्रन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. भारत ऑल वेदर फ्रेंड रूस से महाशक्तिमान अल्‍ट्रा मॉडर्न S-500 एयर डिफेंस सिस्‍टम हासिल करने में जुटा है. यदि इन दोनों पर डिफेंस डील हो गई तो भारत का एयरस्‍पेस दुश्‍मनों के लिए अभेद्य किला बन जाएगा. इसके साथ ही भारत एक और टेक्‍नोलॉजी हासिल करने में जुटा है, जिसे ‘अदृश्‍य महारथी’ भी कहा जाता है. भारत पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट डेवलप करने में जुटा है. इसके लिए AMCA प्रोजेक्‍ट लॉन्‍च किया गया है, लेकिन इसके पूरी तरह से विकसित होने में फिलहाल कई साल का वक्‍त लगने की संभावना है. इस बीच, व्‍लादिमीर पुतिन ने दशकों पुरानी दोस्‍ती निभाते हुए भारत की इस खोज को पूरा करने की बात कही है.

दरअसल, रूस ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के स्‍टील्‍थ फाइटर जेट Su-57 के लोकल प्रोडक्‍शन का औपचारिक प्रस्‍ताव दिया है. ‘इंडियन डिफेंस न्‍यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह बड़ा ऑफर रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की नई दिल्‍ली यात्रा और वार्षिक भारत-रूस शिखर बैठक के दौरान सामने आया. इसे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में महत्‍वपूर्ण कदम माना जा रहा है. रूस की सरकारी रक्षा कंपनी ROSTEC ने कहा है कि वह भारत में Su-57 प्रोडक्‍शन लाइन लगाने के लिए तैयार है. योजना के अनुसार शुरुआती कुछ विमान रूस से सीधे भेजे जाएंगे, जबकि भारत में उत्‍पादन सुविधा धीरे-धीरे तैयार की जाएगी. तीन से चार साल में 20–30 विमान देने का लक्ष्‍य है और कुल 70–100 विमानों की आपूर्ति शुरुआती 2030 दशक तक की जा सकती है. इस परियोजना में बड़ी मात्रा में तकनीक भारत को सौंपी जाएगी. इसमें 40–60% स्‍थानीय उत्‍पादन का लक्ष्‍य रखा गया है. भारतीय इंजीनियरों को सोर्स कोड, स्‍टेल्‍थ तकनीक, और उन्नत एवियोनिक्स जैसी अहम तकनीकों तक पहुंच मिलेगी.

Su-57 और F-35 में कौन ज्‍यादा ताकतवर?

Su-57 5th जेनरेशन फाइटर जेटF-35 5th जेनरेशन फाइटर जेट
रफ्तार: मैक 2 (तकरीबन 2136 KMPH)रफ्तार: मैक 1.6 (1931 KMPH)
कॉम्‍बैट रेंज: 1900 किलोमीटरकॉम्‍बैट रेंज: 1500 किलोमीटर
कीमत: 35 से 40 मिलियन डॉलर (₹359 करोड़/यूनिट)कीमत: 110 मिलियन डॉलर (₹989 करोड़/यूनिट)
एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड मिसाइल ले जाने में सक्षमएयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड मिसाइल ले जाने में सक्षम
F-35 की तुलना में सस्‍ता और पावरफुलSu-57 की तुलना में काफी महंगा

कहां होगा Su-57 का प्रोडक्‍शन?

HAL का नासिक संयंत्र Su-57 के उत्‍पादन के लिए प्रमुख जगह माना गया है. यहां पहले से Su-30MKI विमान बनाए जाते हैं, इसलिए रूसी विशेषज्ञों का मानना है कि Su-57E बनाने के लिए केवल 30% के आसपास बदलाव की जरूरत पड़ेगी. विशेषज्ञों का कहना है कि यह ऑफर सिर्फ विमान खरीदने तक सीमित नहीं है, बल्कि तकनीक साझा करके भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने का बड़ा अवसर है. इससे भारत के अपने AMCA फाइटर जेट कार्यक्रम को भी ताकत मिल सकती है. Su-57 पर काम करने से भारतीय इंजीनियरों को स्‍टेल्‍थ एयरफ्रेम और नेक्स्ट-जनरेशन रडार तकनीक का वास्‍तविक अनुभव मिलेगा. रणनीतिक रूप से यह पहल भारत को अमेरिकी F-35A के विकल्प के रूप में एक स्वतंत्र रास्ता भी देती है, जिससे भारत अपनी रक्षा जरूरतों में और अधिक आत्मनिर्भर हो सके.

5th जेनरेशन फाइटर जेट की कैटेगरी में Su-57 अमेरिकी F-35 से कई मामलों में आग है. कीमत के मामले में भी Su-57 काफी किफायती है. (फाइल फोटो: Reuters)

ड्रोन को लेकर क्‍या ऑफर?

फाइटर जेट्स के साथ रूस ने भारत को Lancet स्ट्राइक ड्रोन के स्‍थानीय उत्‍पादन का भी प्रस्‍ताव दिया है. इसमें इंजन तकनीक, सेंसर और हल्‍के व कम दिखने वाले मैटेरियल की तकनीक ट्रांसफर करने का प्रस्‍ताव शामिल है. इससे भारत को आधुनिक, सटीक मार करने वाले ड्रोन देश में ही बनाने की क्षमता मिल सकेगी. अगर समझौता होता है तो HAL का नासिक संयंत्र पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों और उन्नत ड्रोन उत्‍पादन का प्रमुख केंद्र बन सकता है. इससे भारत के रक्षा उत्‍पादन क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और घरेलू कौशल के विकास को नई दिशा मिलेगी. भारतीय डिफेंस एक्‍सपर्ट्स इस प्रस्‍ताव को ‘गेम-चेंजर’ बता रहे हैं. उनका कहना है कि यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के लक्ष्‍यों के अनुरूप है और इससे विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम होगी.

रूस का क्‍या है वादा?

ROSTEC की यह घोषणा लंबे कूटनीतिक विमर्श के बाद आई है. रूस ने साफ कहा है कि वह भारत की जरूरतों के अनुरूप तकनीक देने को तैयार है. अगर यह सौदा आगे बढ़ता है, तो भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जो पांचवीं पीढ़ी के स्‍टील्‍थ फाइटर जेट का उत्‍पादन और सह-विकास कर सकते हैं. यह सहयोग आने वाले समय में दोनों देशों के रक्षा और एयरोस्पेस संबंधों को और मजबूत करेगा तथा भारतीय वायुसेना की शक्ति को अगले दशक में नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 07, 2025, 07:36 IST

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